जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मददगार ‘निर्मित आर्द्रभूमि’ की कार्बन सोखने की क्षमता उम्र के साथ कम होती है—क्या है वजह

जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। बढ़ते कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emissions) को नियंत्रित करने के लिए वैज्ञानिक नए-नए तरीकों पर शोध कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है निर्मित आर्द्रभूमि (Constructed Wetlands) मानवनिर्मित ऐसे तालाब या दलदली क्षेत्र है जो न सिर्फ पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि वातावरण … Read more

महाकुंभ 2025: क्या गंगा की डुबकी सुरक्षित है? संगम की जल गुणवत्ता और कचरा प्रबंधन पर उठते सवाल

महाकुंभ 2025 बाद गंगा का भविष्य

प्रयागराज की पावन धरती पर इस बार महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित हो रहा है। 4000 हेक्टेयर में फैले इस मेले में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। लेकिन गंगा में डुबकी लगाने की परंपरा इस बार सवालों के घेरे में है। संगम की जल गुणवत्ता और … Read more

अंधाधुंध बजरी खनन से संकट में घड़ियालों का कुनबा

चंबल नदी अभ्यारण्य

धौलपुर स्थित चंबल नदी वन्यजीवों के लिए एक बेहतर सुरक्षित आशियाना माना जाता है इसका स्वच्छ जलीय पानी वन्यजीवों के लिए जीवनदान है। हालांकि बीते कुछ सालों से नदी किनारों से बजरी के अवैध खनन के कारण घड़ियालों की संख्या को नुक़सान पहुंचा है। घड़ियालों की बड़ी संख्या चंबल नदी के किनारों पर प्रवास करती … Read more

सोलर जियो-इंजीनियरिंग से हर साल बचाई जा सकती है चार लाख लोगों की जान

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों और परमाणु ऊर्जा वाली तकनीकों को अपनाया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सोलर जियो-इंजीनियरिंग या सौर भू-इंजीनियरिंग धरती को जल्दी से ठंडा कर सकती है। दुनिया को उत्सर्जन को सीमित करने और वातावरण से कार्बन को हटाने के प्रयासों को … Read more

जाने कैसे नये नियमों से भारत में कचरा प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा?

कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय सुधार के प्रयासों में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 2026 से लागू होने वाले नए नियमों की घोषणा की है, जिसके तहत कंपनियों को अपने उत्पादों की पैकेजिंग के पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग) और निपटान की जिम्मेदारी स्वयं उठानी होगी। यह फैसला न केवल पर्यावरण की सुरक्षा को … Read more