टी बैग्स से चाय पीने के खतरे: हर घूंट में माइक्रोप्लास्टिक्स के लाखों कण

चाय, जो हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, अक्सर थकान मिटाने और सर्दी के मौसम में गर्माहट का एहसास देने के लिए सबसे पसंदीदा पेय मानी जाती है। लेकिन अगर आप टी बैग्स का उपयोग कर चाय पीते हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। हालिया शोध से पता चला है कि टी बैग्स से बनी चाय हमारे स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन सकती है।

क्या कहती है रिसर्च?

ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना (UAB) के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि पॉलिमर आधारित टी बैग्स गर्म पानी में डालने पर माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स (MNPs) के लाखों कण छोड़ते हैं। ये कण इतने छोटे होते हैं कि आसानी से हमारी आंतों की कोशिकाओं में समा जाते हैं और वहां से रक्त प्रवाह के जरिए शरीर के अन्य अंगों तक पहुंच सकते हैं।

टी बैग्स में मौजूद प्लास्टिक के स्रोत

टी बैग्स आमतौर पर नायलॉन-6, पॉलीप्रोपाइलीन और सेल्यूलोज जैसे पॉलिमर से बनाए जाते हैं।

शोध के अनुसार:

पॉलीप्रोपाइलीन आधारित टी बैग्स:
प्रति मिलीलीटर लगभग 120 करोड़ प्लास्टिक कण छोड़ते हैं।
Butterfly आधारित टी बैग्स:
प्रति मिलीलीटर 13.5 करोड़ कण उत्सर्जित करते हैं।
नायलॉन-6 टी बैग्स:
प्रति मिलीलीटर 81.8 लाख कण छोड़ते हैं।
इन कणों का आकार 137-244 नैनोमीटर के बीच होता है, जो मानव कोशिकाओं के लिए आसानी से अवशोषित होने लायक हैं।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

शोधकर्ताओं ने इन प्लास्टिक कणों का मानव आंतों की कोशिकाओं पर परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि: आंत की बलगम कोशिकाएं इन कणों को अवशोषित कर लेती हैं। कुछ कण कोशिका के नाभिक तक भी पहुंच जाते हैं। माइक्रोप्लास्टिक्स का यह प्रसार स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक खतरों का संकेत देता है। ये प्लास्टिक कण लीवर, किडनी, दिमाग और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

माइक्रोप्लास्टिक बढ़ता खतरा

पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि इंसान हर सप्ताह माइक्रोप्लास्टिक्स के इतने कण निगल सकता है, जिनसे एक क्रेडिट कार्ड के बराबर प्लास्टिक बन जाए। माइक्रोप्लास्टिक्स को फेफड़ों, गर्भनाल, और यहां तक कि दिमाग में भी पाया गया है। ये कण हमारे पाचन तंत्र और रक्तप्रवाह को प्रभावित करते हैं, जिससे शरीर के अन्य अंगों में भी प्लास्टिक की मौजूदगी हो सकती है।

समाधान की दिशा में कदम

वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि फूड पैकेजिंग और टी बैग्स में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए सख्त नियम बनाए जाने चाहिए। इसके साथ ही, खाद्य उत्पादों में माइक्रोप्लास्टिक्स की मात्रा मापने के लिए मानक परीक्षणों की भी आवश्यकता है।

क्या करें?

यदि आप चाय के शौकीन हैं, तो टी बैग्स की बजाय पारंपरिक चाय पत्ती का उपयोग करना अधिक सुरक्षित हो सकता है। यह न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि पर्यावरण को भी प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने में मदद करेगा। निष्कर्ष प्लास्टिक प्रदूषण सिर्फ पर्यावरण की समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और जीवनशैली के लिए भी बड़ा खतरा बन चुका है। इस नई जानकारी के साथ, यह समय है कि हम अपने रोजमर्रा के विकल्पों को लेकर सतर्क हों और प्लास्टिक से मुक्त समाधान अपनाएं।

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